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राजस्थान राज्य के विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश के दौरान विद्यालय व्यवस्थाओं के संचालन हेतु कभी-कभी शिक्षकों/कर्मचारियों को प्रभारी के रूप में नियुक्त किया जाता है। इस स्थिति में अनेक बार यह प्रश्न उठता है कि क्या ऐसे प्रभारी को पारिश्रमिक अवकाश (Privilege Leave – PL) का लाभ देय है या नहीं? इस लेख में हम इस विषय को राजस्थान सेवा नियम (Rajasthan Service Rules) एवं विभागीय आदेशों के आलोक में विस्तार से स्पष्ट कर रहे हैं।

1. सेवा नियम 92B के प्रावधान क्या हैं?

राजस्थान सेवा नियम 92B यह कहता है कि:

यदि राज्य सरकार या सक्षम प्राधिकारी द्वारा विभागीय आदेश के माध्यम से किसी अधिकारी/कर्मचारी को ग्रीष्मावकाश के दौरान कार्य करने हेतु रोका जाता है, तो उसे हर 3 कार्य दिवस के बदले 1 PL (पारिश्रमिक अवकाश) का लाभ दिया जाएगा।

2. प्रिंसिपल द्वारा प्रभारी बनाए जाने की स्थिति:

यदि विद्यालय में लिपिक नहीं है और प्रिंसिपल द्वारा किसी शिक्षक/कर्मचारी को ग्रीष्मावकाश में प्रभारी नियुक्त कर दिया जाता है, तो:

  • ऐसे शिक्षक को PL नहीं मिलती।

  • कारण यह है कि यह केवल आंतरिक विद्यालयीय व्यवस्था है, कि विभागीय स्तर का आदेश।

  • सेवा नियम 92B तभी लागू होता है जब विभाग द्वारा कार्य के लिए बाध्य किया गया हो।

3. निदेशक स्तर से जारी निर्देशों की स्थिति:

निदेशक (माध्यमिक/प्रारंभिक) शिक्षा राजस्थान, द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि:

ग्रीष्मावकाश के दौरान विद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक को, यदि वे मुख्यालय पर उपलब्ध हों, तो TC (Transfer Certificate) पर हस्ताक्षर करने हेतु अधिकृत किया जाए।”

  • इस निर्देश में ग्रीष्मावकाश के उपयोग पर कोई रोक नहीं है।

  • अर्थात: शिक्षक अपनी छुट्टी का उपयोग कर सकते हैं; केवल उपस्थिति की स्थिति में TC हस्ताक्षर की अनुमति है।

  • इसलिए PL देय नहीं है।

4. सारांश रूप में स्थिति स्पष्ट करें:

स्थितिPL देय?टिप्पणी
विभाग द्वारा ग्रीष्मावकाश में कार्य हेतु बाध्य किया गयाहाँसेवा नियम 92B के अनुसार, 3 दिन पर 1 PL
केवल प्रिंसिपल द्वारा प्रभारी बनाया गयानहींविभागीय आदेश नहीं है
निदेशक के निर्देश अनुसार, मुख्यालय पर उपस्थित शिक्षक से TC हस्ताक्षरनहींकार्य अनिवार्य नहीं, छुट्टी पर रोक नहीं

5. अंतिम सुझाव:

  • यदि किसी शिक्षक/कर्मचारी को यह लगता है कि उसे अनिवार्य रूप से ग्रीष्मावकाश में कार्य करवाया गया है, तो वह इसका प्रमाण (आदेश/डायरी नंबर आदि) संलग्न करते हुए नियंत्रण अधिकारी से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

  • विभागीय स्थिति एवं आदेश के अनुसार ही PL के लाभ का निर्णय होगा।


नोट:

यह लेख केवल सामान्य जानकारी मार्गदर्शन के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यदि किसी परिस्थिति में भ्रम या मतभेद उत्पन्न होता है, तो संबंधित नियंत्रण अधिकारी अथवा ब्लॉक/जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क करें।

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