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RSR नियम 103 क्या कहता है?

राजस्थान सेवा नियम (RSR) नियम 103 के अनुसार:

महिला सरकारी कर्मचारी को बच्चे के जन्म की तिथि से 180 दिन का मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) स्वीकृत किया जाता है।

📌 मुख्य बात:
मातृत्व अवकाश हमेशा बच्चे के जन्म की तिथि से ही प्रारंभ होता है, भले ही उस समय कोई अन्य छुट्टी चल रही हो (जैसे कि ग्रीष्मकालीन अवकाश)।


🔶 क्या ग्रीष्मकालीन अवकाश का कोई लाभ अलग से मिलेगा?

नहीं।
यदि बच्चे का जन्म ग्रीष्मकालीन अवकाश (जैसे 15 मई – 30 जून) के दौरान होता है, तो उस दिन से मातृत्व अवकाश प्रारंभ हो जाएगा और ग्रीष्मकालीन अवकाश स्वतः समाप्त मान लिया जाएगा।

🔹 यानी, ग्रीष्मकालीन अवकाश और मातृत्व अवकाश एक साथ नहीं चल सकते।
मातृत्व अवकाश बच्चे के जन्म की तारीख से ही शुरू हो जाएगा, 1 जुलाई से नहीं।


🔶 डॉक्टर की अभिशंषा (जच्चा-बच्चा कार्ड) पर पूर्व-प्रसव अवकाश:

यदि डॉक्टर की सिफारिश हो (जैसे कि जच्चा-बच्चा कार्ड में), तो महिला कर्मचारी को बच्चे के जन्म से पहले भी मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है।

📌 लेकिन ध्यान दें:

  • यदि पहले से अवकाश लिया गया है (उदाहरण: 10 दिन पहले),

  • तब भी जन्म की तारीख से लेकर कुल 180 दिन ही गिने जाएंगे।

  • यानी, मातृत्व अवकाश की अवधि में बच्चे का जन्म दिवस अनिवार्य रूप से शामिल होना चाहिए।


🔶 उदाहरण से समझें:

🎯 उदाहरण 1:

  • ग्रीष्मकालीन अवकाश: 15 मई – 30 जून

  • बच्चे का जन्म: 20 जून

  • तो मातृत्व अवकाश शुरू होगा: 20 जून से 180 दिन तक

  • यानी अब 1 जुलाई से नहीं, बल्कि 20 जून से ही Maternity Leave शुरू हो गई।

  • ग्रीष्मकालीन अवकाश यहीं समाप्त मान लिया जाएगा।


🔶 निष्कर्ष:

✔️ मातृत्व अवकाश हमेशा बच्चे के जन्म की तिथि से ही शुरू होता है।
❌ यह 1 जुलाई (ग्रीष्मकाल के बाद) से शुरू नहीं होगा।
✔️ डॉक्टर की सिफारिश पर पूर्व प्रसव विश्राम संभव है, परंतु प्रसव का दिन उसमें शामिल होना अनिवार्य है।
❌ ग्रीष्मकालीन अवकाश और मातृत्व अवकाश एक साथ नहीं गिने जाते।

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